कई म्यूचुअल फंड हाउस, ढेर सारी कैटेगरी, कई प्रकार की स्कीम मार्केट में मौजूद हैं। इतने विकल्प निवेशकों के लिए सही म्यूचुअल फंड स्कीम चुनना मुश्किल बना सकते हैं। हालांकि, अपने रिस्क प्रोफाइल को पहचानते हुए सावाधानी के साथ आगे बढ़ते हुए निवेशक म्यूचुअल फंड को लेकर बेहतर फैसले ले सकते हैं।
इस आलेख में हम बात करेंगें कि अगर आप 5 से 7 तक के लिए निवेश करना चाहते हैं तो सही म्यूचुअल फंड कैसे चुनेंगे। वैसे तो 5 से 7 साल का समय इक्विटी में निवेश करने के लिए पर्याप्त होता है, निवेशक को निवेश से पहले दो पहलुओं का ध्यान रखना चाहिए। एक पहलू निवेशक की रिस्क प्रोफाइल है और दूसरा उसका मौजूदा एसेट एलोकेशन। रिस्क प्रोफाइल उम्र, आय, आश्रितों की संख्या, आय की स्थिरता आदि पर निर्भर करती है। कम रिस्क लेने वाले निवेशकों को फिक्स्ड इनकम जैसे कम वोलाटाइल एसेट क्लास में निवेश करना चाहिए। ज्यादा रिस्क लेने में सक्षम निवेशकों को इक्विटी जैसे ज्यादा वोलाटाइल एसेट क्लास में निवेश करना चाहिए। निवेश से पहले अपना पोर्टफोलियो जरूर देखना चाहिए और किसी एक एसेट क्लास में बहुत ज्यादा पैसे नहीं लगाना चाहिए।
अब म्यूचुअल फंड चुनने की बात करते हैं। अगर आपके पास फाइनेंशियल एडवाइजर की सुविधा है तो वह सही स्कीम का चयन कर आपको पोर्टफोलियो बनाने में मदद कर सकता है। म्यूचुअल फंड स्कीम चुनते वक्त कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए। फंड का ट्रैक रिकॉर्ड, उसकी इन्वेस्टमेंट स्ट्रैटिजी, पोर्टफोलियो, फंड मैनेजर का ट्रैक रिकॉर्ड आदि की जानकारी हासिल करनी चाहिए। साथ ही यह भी पता कर लें कि उस फंड ने मार्केट चढ़ाव के वक्त और उतार के वक्त कैसा परफॉर्म किया। फंड की स्ट्रैटजी स्थिर होनी चाहिए। निवेशक को ऐसे फंड चुनने चाहिए जिसने लंबे समय में बेंचमार्क से बेहतर प्रदर्शन कर अच्छा रिटर्न दिया हो। किसी संदेह की स्थिति में अपने फाइनेंशियल एडवाइजर से बात करना हमेशा अच्छा विकल्प होता है।
पहली बार निवेश के लिए लार्ज कैप फंड बेहतर
जो पहली बार बार निवेश कर रहे हैं और इक्विटी में निवेश करना चाहते हैं तो उन्हें डायवर्सिफाइड लार्ज कैप फंड में करना चाहिए। साथ ही समय के साथ अपने पोर्टफोलियो में मल्टीकैप और मिड कैप फंड कैटेगरी को शामिल कर उसमें विविधता लानी चाहिए। एसआईपी का रास्ता चुनकर निवेशक मार्केट में आने-वाले उतार-चढ़ाव का फायदा उठा सकते हैं।